— अखिल भारतीय कायस्थ महासभा पंजी 5680 मैनपुरी के नाम से एक संस्था द्वारा भारत के महान क्रन्तिकारी और भारत के कई महापुरुषों को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा 5680 मैनपुरी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताना अत्यंत ही दुर्भाग्य पूर्ण और गलत हैँ ! यह महापुरुषों का अपमान हैँ ! बिगत कुछ महीनों मे राजनीतिक घटनाक्रम के कारणों से अपने को एक संस्था घोषित करने वाले संगठन अखिल भारतीय कायस्थ महासभा 5680 मैनपुरी के एक गुट के द्वारा बेहद ही आपत्ति जनक मामला सामने आया हैँ!
1981 मे मैनपुरी आगरा के विधायक स्व वृजेश्वर प्रसाद सक्सेना प्रधान जी द्वारा सोसायटी एक्ट मे पंजीकृत संस्था अखिल भारतीय कायस्थ महासभा जिसका पंजीकरण संख्या 5680, मैनपुरी, जिसके पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर आर सी वर्मा, कायस्थ शिरोमणि कैलाश नारायण सारंग सरिखे सख्शियत रही, पिछले कई सालो से इस संस्था मे प्रवंध कारिणी विवाद चल रहे हैँ, एक गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुबोध कान्त सहाय जी और दूसरे गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जितेंद्र नाथ सिंह ने कोर्ट मे मुकदमा कर रखा हैँ और कोर्ट के आदेश से ही 2023 जून के बाद की कोई कार्यकारिणी वैध नहीं हैँ, मतलब दोनों कार्यकारणी कोर्ट के फैसला होने तक नया इकाई नहीं बना सकती, मामला तब और अति संबेदनशील हो रहा हैँ जब प्रयागराज हाईकोर्ट मे डबल बेंच मे चीफ जस्टिस के दखल से चल रहा हैँ और वहुत उम्मीद हैँ ,की फरवरी 2025 मे इसपर फ़ाइनल रिजल्ट आ जाये!
अब जब ये दो मुख्य गुट कोर्ट मे लड़ रहा था ; तभी एक तीसरे अनजान गुट जिसका कोई वैध प्रमाण नहीं है , के लोगो ने अपने को राष्ट्रीय पदाधिकारी घोषित कर लिया, ये सब पदाधिकारी उच्च अधिकारी या बड़े पदों से रिटायर बताये गए है, चुंकि दिल्ली मे बिधान सभा का चुनाव चल रहा हैँ; शायद यह भी एक कारण हैँ और इस गुट के अधिकतर बड़े पदाधिकारी पूर्व मे 4-5साल एक राजनीतिक दल भी चला चुके हैँ जो बेहद फेल शाबित हुआ शायद इस कारण से इन लोगो ने इस अखिल भारतीय कायस्थ महासभा 5680 मैनपुरी के नाम को पकड़ा हैँ /
आइये जाने, मुख्य आपत्ति और विरोध होने वाले विषय
1-इस संस्था के पदाधिकारियों द्वारा 1981 के पंजीकृत संगठन को 1887 का बताया जाना, जो सरासर गलत हैँ.! क्यूंकि पंजीकरण 1981 मे ही हुआ था मैनपुरी मे
2- इस संस्था के गैर पंजीकृत गुट द्वारा देश रत्न राजेंद्र प्रसाद जी, नेताजी सुभाष चंद बोस, महान क्रांतिकारी रास बिहारी बोस समेत कई महापुरुषों को अपने 1981 मे पंजीकृत संगठन का पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बता कर सोसल मिडिया मे प्रचारित किया जा रहा हैँ, जो महान बिभूतियों का अपमान भी हैँ, जब यह संस्था 1981 मे पंजीकृत हुई/
महापुरषो का नाम अपने फायदे के लिए प्रयोग करना महापुरुषों का अपमान हैँ/
3-सबसे बड़ी आश्चर्य इस नये गुट के अति शिक्षित और अनुभवी पदाधिकारियों के नामो को देख कर हो रहा हैँ, की पूर्व मे बड़े बड़े पदों पर रहने वाले बंधु क्यूं नहीं असलियत को समझ रहे हैँ? या सब जानबूझ कर अनजान बन रहे हैँ!
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भारत के महान – महापुरषों के नाम को गलत तरीके से जोड़ने के कारण “अखिल भारतीय कायस्थ महासभा” पंजी 2150 नई दिल्ली के – “राष्ट्रीय संयोजक ” – मनीष श्रीवास्तव ने सूचना के अधिकार के तहत भारत के राष्ट्रपति,केंद्र सरकार से चिट्टी लिखकर इस बात को उठाया हैँ, की केंद्र सरकार जल्द से जल्द इस विषय पर से पर्दा उठाये / कायस्थ समाज से अपील की सोसल मिडिया के किसी भी दावे से पहले जरूर दस बार सोचे और समझें / किसी भी अफवाह से बचे / कोई भी दावा कर रहे संस्था या पदाधिकारियों से उनके संस्था का लीगल स्टेटस जरूर जाने और पूछे / कायस्थ समाज से अपील की 1981ं मे पंजीकृत संस्था को 1887मे पंजीकृत संस्था का दर्जा मत दे , कायस्थ समाज के नेता सिर्फ महापुरुषों के नाम से जोड़ने के उद्देश्य हेतु ही शायद प्रयोग कर रहे है / Join Akhil Bhartiya Kayastha Mahasabha (Regd) 2150 , New Delhi — or Contact with National President — President@abkmindia.org , Abkmbharat@gmail.com, Contact : 6392963216 “

23 जनवरी
पराक्रम दिवस पर आप सभी को हार्दिक बधाई 🙏
अभिभाजित भारत के प्रथम प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष चंद बोस अमर रहे |
हिन्दू ह्रदय सम्राट बाला साहब ठाकरे अमर रहे |
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—— मनीष श्रीवास्तव (राष्ट्रीय संयोजक / राष्ट्रीय अध्यक्ष – “अखिल भारतीय कायस्थ महासभा” पंजी 2150)
President@abkmindia.org , Abkmbharat@gmail.com, Contact : 6392963216

*******AKHIL BHARTIYA KAYASTHA MAHASABHA 5680 Mainpuri –1981 Original Bylaws Copy
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